इस दिन से शुरू हो रहे पितृपक्ष, श्राद्ध पक्ष में भूलकर भी न करें ये 5 काम

पितृ पक्ष 2023 भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार 20 सितंबर से 6 अक्टूबर तक मनाया जाएगा.

यह पक्ष 15 दिनों तक चलता है और इसमें पितृ तर्पण और पितृ श्राद्ध कर्म किए जाते हैं.

पितृ पक्ष में अमावस्या तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है, और इसे सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है.

इस समय पर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का अद्भुत अवसर होता है.

श्राद्ध कर्मों में पितृ तर्पण, पितृ तर्पण का दान, और ब्राह्मण भोज का महत्व होता है.

इस समय पर अपने पितरों की आत्मा को शांति देने के लिए प्रार्थना की जाती है.

पितृ पक्ष के दौरान अपने पितरों के प्रति समर्पण और स्नेह का भाव बढ़ता है.

इस अवसर पर अपने द्वार को सजाने और गंध और दीपकों से सजाने का परम्परागत महत्व होता है.

पितृ पक्ष के दौरान विभिन्न धार्मिक स्थलों पर तीर्थयात्रा का आयोजन भी होता है.